Bihar Board 10th Topper जन्म से पहले ही पिता का उठ गया साया सिंगल मदर की परवरिश हर चीज़ में कमी ही कमी रुला देगी बेटी प्रियांशु की सफलता की कहानी |
कैसे Priyanshu Kumari टॉपर बनीं
संसाधनों की कमी ना हो, तो सफलता की राह आसान हो जाती है, लेकिन अगर जन्म से पहले ही पिता का साया सिर से उड़ जाए सिंगल मदर यानी अकेली माँ की परवरिश हो ,घर में हर चीज़ की कमी ही कमी दिखे, उसके बाद भी अगर बिहार बोर्ड की परीक्षा में वो टॉप कर जाए तो क्या कहने ,इस बात को प्रियांशु कुमारी और उसकी माँ से बेहतर कौन समझ सकता है |
प्रियांशु कुमारी बिहार बोर्ड की दसवीं की परीक्षा की जिला टॉपर है | जिनके जन्म लेने से लेकर आज के खुशी के दिन तक प्रियांशु कुमार की कहानी न केवल मार्मिक है बल्कि आँखों में आंसू ला देने वाला है | ज़रा सोचिए जब प्रियांशु कुमारी अपनी माँ के घर में ही थी तभी उनके पिता की एक सड़क दुर्घटना में जान चली गई थी
हालांकि माली हालात उस वक्त भी ठीक नहीं थी फिर भी पिता तो पिता होता है, उसके होने या ना होने में काफी अंतर आ जाता है | पिता के जाने के बाद के घर में कोई भी मेल गार्जियन नहीं था घर का सारा जिम्मा उसकी माँ के ऊपर आ गया घर में तीसरी मेंबर उसकी दादी थी | लेकिन आज प्रियांशु कुमारी की जीत मेहनत और लगन की वजह से उसने वो मुकाम पा लिया जिसके लिए उसने दिन रात एक कर दिया था | प्रियांशु कुमारी बिहार बोर्ड की दसवीं परीक्षा में जिला टॉपर बनी है |
बिहार के जहानाबाद के समेरा गांव की प्रियांशु कुमारी को मैट्रिक में चार सौ बहत्तर अंक हासिल हुए है | जिसके बाद आज उसके घर बधाई देने वालों और मिठाई खाने खिलाने वालों का तांता लगा है | लेकिन ये सब इतना आसान नहीं रहा था प्रियांशु कुमारी के जन्म से लेकर अब तक की कहानी उसकी माँ और उसकी दादी ने बताया |
अनाथ बेटी की कहानी रुला देगी
दादी के मुताबिक प्रियांशु कुमारी के सामने एक वक्त ऐसा भी आया था कि लगा उसे अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ेगी | लेकिन एक टीचर मंटू कुमार ने पढ़ाई में काफी हेल्प की वहीं प्रियांशु की माँ का कहना है कि मौसम चाहे कैसा भी रहा, चिलचिलाती धूप रही हो या फिर कड़कड़ाती सर्दी फिर मूसलाधार बारिश ने एक दिन भी अपने क्लास को मिस नहीं किया |
वहीं प्रियांशु ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी दादी, माँ और टीचर्स को दिया खासकर उस मंटू नाम के टीचर को जिन्होंने आड़े वक्त में मदद कर उसकी पढ़ाई को छूटने से बचा लिया | प्रियांशु ने बताया अलीगंज हाई स्कूल में टीचर्स ने उनकी भरपूर मदद की, जिसकी वजह से कोरोना काल में भी अपनी पढ़ाई वो करती रही |
इस सफलता के बाद अब प्रियांशु कुमारी का सपना है कि वो आईएस बनकर देश की सेवा करें | प्रियांशु कुमारी के लिए ये सफलता और भी ज्यादा खास है क्योंकि जिन परिस्थितियों से गुजर कर उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है ना केवल काबिले तारीफ है बल्कि एक सीख भी है | स्थिती चाहे कैसी भी हो अगर ठान लिया जाए तो मंजिल पाना जरा भी मुश्किल नहीं है |